किसी भी आसन की शुरुआत लेटकर अर्थात शवासन (चित्त लेटकर) और मकरासन (औंधा लेटकर) में और बैठकर अर्थात दंडासन और वज्रासन में, खड़े होकर अर्थात सावधान मुद्रा या नमस्कार मुद्रा से होती है। यहां सभी तरह के आसन के नाम दिए गए हैं।
1.सूर्यनमस्कार, 2.आकर्णधनुष्टंकारासन, 3.उत्कटासन,
4.उत्तान कुक्कुटासन, 5.उत्तानपादासन, 6.उपधानासन,
7.ऊर्ध्वताड़ासन, 8.एकपाद ग्रीवासन, 9.कटि उत्तानासन
10.कन्धरासन, 11.कर्ण पीड़ासन, 12.कुक्कुटासन,
13.कुर्मासन, 14.कोणासन, 15.गरुड़ासन
16.गर्भासन, 17.गोमुखासन, 18.गोरक्षासन,
19.चक्रासन, 20.जानुशिरासन, 21.तोलांगुलासन
22.त्रिकोणासन, 23.दीर्घ नौकासन, 24.द्विचक्रिकासन,
25.द्विपादग्रीवासन, 26.ध्रुवासन, 27.नटराजासन,
28.पक्ष्यासन, 29.पर्वतासन, 30.पशुविश्रामासन,
31.पादवृत्तासन, 32.पादांगुष्टासन, 33.पादांगुष्ठनासास्पर्शासन,
34.पूर्ण मत्स्येन्द्रासन, 35.पॄष्ठतानासन, 36.प्रसृतहस्त वृश्चिकासन,
37.बकासन, 38.बध्दपद्मासन, 39.बालासन,
40.ब्रह्मचर्यासन, 41.भूनमनासन, 42.मंडूकासन,
43.मर्कटासन, 44.मार्जारासन, 45.योगनिद्रा,
46.योगमुद्रासन, 47.वातायनासन, 48.वृक्षासन,
49.वृश्चिकासन, 50.शंखासन, 51.शशकासन,
52.सिंहासन, 53.सिद्धासन, 54.सुप्त गर्भासन,
55.सेतुबंधासन, 56.स्कंधपादासन,57.हस्तपादांगुष्ठासन,
58.भद्रासन, 59.शीर्षासन, 60.सूर्य नमस्कार,
61.कटिचक्रासन, 62.पादहस्तासन, 63.अर्धचन्द्रासन,
64.ताड़ासन, 65.पूर्णधनुरासन, 66.अर्धधनुरासन,
67.विपरीत नौकासन, 68.शलभासन, 69.भुजंगासन,
70.मकरासन, 71.पवन मुक्तासन, 72.नौकासन,
73.हलासन, 74.सर्वांगासन, 75.विपरीतकर्णी आसन,
76.शवासन, 77.मयूरासन, 78.ब्रह्म मुद्रा,
79.पश्चिमोत्तनासन, 80.उष्ट्रासन, 81.वक्रासन,
82.अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, 83.मत्स्यासन, 84.सुप्त-वज्रासन,
85.वज्रासन, 86.पद्मासन आदि।