Sunday, March 22, 2020

प्रत्याहार

इंद्रियों को विषयों से हटाने का नाम ही प्रत्याहार है।

इंद्रियां मनुष्य को बाहरी विषयों में उलझाए रखती है।।

प्रत्याहार के अभ्यास से साधक अन्तर्मुखिता की स्थिति प्राप्त करता है।

जैसे एक कछुआ अपने अंगों को समेट लेता है उसी प्रकार प्रत्याहरी मनुष्य की स्थिति होती है।

यम नियम, आसान, प्राणायाम को साधने से प्रत्याहार की स्थिति घटित होने लगती है।

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