Thursday, April 30, 2020

वज्रासन

वज्रासन

वज्र का अर्थ होता है कठोर और दूसरा यह कि इंद्र के एक शस्त्र का नाम वज्र था। इससे पैरों की जांघें मजबूत होती है। शरीर में रक्त संचार बढ़ता है। पाचन क्रिया के लिए यह बहुत लाभदायक है। भोजन पश्चात इसी आसन में कुछ देर बैठना चाहिए। यह टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। घुटनों में दर्द होने की स्थिति में यह आसन न करें

आसन की विधि

दोनों घुटने सामने से मिले हों। पैर की एड़ियाँ बाहर की और पंजे अन्दर की ओंर हों। बायें पैर के अंगूठे के आस पास मैं दायें पैर का अंगूठा। दोनों हाथ घुटनों के ऊपर। इस आसन में घुटनों को मोड़कर इस तरह से बैठते हैं कि नितंब दोनों एड़ियों के बीच में आ जाएं, दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले रहें और एड़ियों में अंतर भी बना रहे।
ऐसे करें वज्रासन
  • इस आसन को करने के लिए घुटनों को मोड़कर पंजों के बल सीधा बैठें।
  • दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलने चाहिए और एड़ियों में थोड़ी दूरी होनी चाहिए।
  • शरीर का सारा भार पैरों पर रखें और दोनों हाथों को जांघों पर रखें।
  • आपकी कमर से ऊपर का हिस्सा बिल्कुल सीधा होना चाहिए। थोड़ी देर इस अवस्था में बैठकर लंबी सांस लें।

सावधानी

घुटनों में दर्द होने की स्थिति में यह आसन न करें।

इसके लाभ

इस आसन से शरीर मजबूत और स्थिर बनता है। इससे रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं। इससे शरीर में रक्त-संचार समरस होता है और इस प्रकार शिरा के रक्त को धमनी के रक्त में बदलने का रोग नहीं हो पाता। यही एकमात्र ऐसा आसन है जिसे आप खाना खाकर भी कर सकते हैं। इससे भोजन आसानी से पचता है। यह टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।

शरीर को सुडौल बनाए रखता है। उच्च रक्तचाप कम होता है। वजन कम करने में मददगार है। अपच, गैस, कब्ज इत्यादि विकारों को दूर करता है। महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। पाचन शक्ति बढ़ाता है और प्रजनन प्रणाली को सशक्त बनाता है। इस आसन में धीरे-धीरे लंबी और गहरी सांस लेने से फेफड़े मजबूत होते हैं।

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